तुलसी के औषधीय उपयोग
1. आंतरायिक बुखार (विशम ज्वर): 10 मिलीलीटर कृष्ण तुलसी के पत्ते के रस में 2 ग्राम मारीच (काली मिर्च) का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।
2. खांसी : 10 मिलीलीटर कृष्णा तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से खांसी-जुकाम में लाभ होता है।
3. खुजली वाले चकत्ते (त्वचा की एलर्जी) : तुलसी के पत्तों का लेप प्रभावित त्वचा पर लगाने से लाभ होता है।
4. सिर दर्द : तुलसी की ताजी पत्तियों के रस की 2 बूंदों को रोजाना खाली पेट दोनों नाक के छिद्रों में डालने से साइनसाइटिस से संबंधित सिरदर्द में आराम मिलता है।
5. घाव : घाव पर तुलसी के पत्ते और लहसुन का महीन लेप नियमित रूप से लगाने से घाव के कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
6. सांसों की दुर्गंध : तुलसी के एक या दो पत्ते रोजाना चबाने से सांसों की दुर्गंध की समस्या से राहत मिलती है। यह पाचन में भी सुधार करता है।
7. फंगल इंफेक्शन : तुलसी के तुलसी के पत्ते और नीम के पत्तों के पेस्ट को चुटकी भर हल्दी के साथ बराबर मात्रा में लें। इस लेप को लगाने से फंगल इंफेक्शन ठीक हो जाता है।
Medicinal Use Of Tulsi
1. Intermittent fever (Vishama jwara): Admnistration of 10 ml Krishna tulasi leaf juice mixed with 2 gm Maricha (Pepper) powder thrice a day is beneficial.
2. Cough: Consuming 10ml of Krishna tulasi leaves juice with honey, twice or thrice a day is useful in cough and cold.
3. Itching rashes (Skin Allergy): External application of Tulasi leaf paste over the affected skin is useful.
4. Headache: Installation of the 2 drops of tulasi fresh leaves juice in both nostrils on empty stomach daily helps to relieve sinusitis related headache.
5. Wound: Regular External application of tulasi leaves and garlic fine paste over the wound will destroy the maggots inwound.
6. Bad breath: chewing one or two holy basil (tulasi) leaves daily helps to relieve bad breath issue. It also improves digestion.
7. Fungal infection: Take equal quantity of Basil tulasi leaves and neem leaves paste added with pinch of turmeric. Application of this paste is useful to cure the fungal infection.
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