A Knowledge buddy for Ayurveda Study.

Sometimes you need advice, Ask a teacher to solve your problems.

Sometimes you need advice, Ask a teacher to solve your problems.

Tuesday, June 30, 2020

Acharya Sushrut : Father of Surgery



हमारे महान वैज्ञानिक महर्षि सुश्रुत
महर्षि सुश्रुत सर्जरी के आविष्कारक माने जाते हैं...
आज से 2600 साल पहले उन्होंने अपने समय के
स्वास्थ्य वैज्ञानिकों के साथ प्रसव, मोतियाबिंद, कृत्रिम
अंग लगाना, पथरी का इलाज और प्लास्टिक सर्जरी
जैसी कई तरह की जटिल शल्य चिकित्सा के सिद्धांत
प्रतिपादित किए।

आधुनिक विज्ञान केवल 400 वर्ष पूर्व ही शल्य क्रिया
करने लगा है, लेकिन सुश्रुत ने 2600 वर्ष पर यह कार्य
करके दिखा दिया था। सुश्रुत के पास अपने बनाए
उपकरण थे जिन्हें वे उबालकर प्रयोग करते थे।
महर्षि सुश्रुत द्वारा लिखित 'सुश्रुत संहिता ग्रंथ में शल्य
चिकित्सा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
इस ग्रंथ में चाकू, सुइयां, चिमटे इत्यादि सहित 125 से
भी अधिक शल्य चिकित्सा हेतु आवश्यक उपकरणों
के नाम मिलते हैं और इस ग्रंथ में लगभग 300 प्रकार
की सर्जरियों का उल्लेख मिलता है।

Share:

Saturday, June 27, 2020

Rachana Sharira (Anatomy) textbook and notes


By clicking the above link u will get the textbooks and notes of BAMS 1st year professional Rachana Sharira and Anatomy for MUHS, RGUHS, GAU, BHU and other medical universities.
This contain all chapter related important notes i.e. ayurvedic and modern and this will help in Bams 1st year all universities exams.
Share:

Friday, June 26, 2020

Dravyaguna vigyan Textbooks and notes

Dravyaguna Vigyan



By clicking the above link u will get the textbooks and notes of BAMS 2nd year Dravyaguna vigyan and Pharmacology for MUHS, RGUHS, GAU, BHU and other medical universities.
This contain all chapter related important notes i.e. ayurvedic and modern and this will help in Bams 2nd year all universities exams.
Share:

Monday, June 22, 2020

Question set on Ayurvedic samhita


1. सुश्रुत मतानुसार छेदन कर्म हेतु शस्त्रों की
धारा उल्लेखित है?
Answer - अर्धकैशिकी
Reference - सुश्रुत सूत्रस्थान 8/10
2. सुश्रुत मतानुसार किस व्रण में सीवन कर्म
कराना चाहिए?
Answer - चलसन्धिव्यपाश्रित
Reference - सुश्रुत सूत्रस्थान 25/16
3. सुश्रुत मतानुसार अवबद्ध तथा अनवबद्ध किसके
भेद है?
Answer - शल्य के
Reference - सुश्रुत सूत्रस्थान 27/3
4. सुश्रुत मतानुसार कफप्रकोप में तक्र का प्रयोग
किसके साथ कराना चाहिए?
Answer - त्रिकटु and यवक्षार
Reference - सुश्रुत सूत्रस्थान 45/89
5. सुश्रुत मतानुसार किस उपदंश में शिशन में दरार
एवं कृमि की उत्पत्ति होती है?
Answer - सन्निपातिक
Reference - सुश्रुत निदानस्थान 12/12
6. सुश्रुत मतानुसार आगन्तुक व्रण में किस प्रकार
की चिकित्सा करनी चाहिए?
Answer - पित्तशमक शीतोपक्रम
Reference - सुश्रुत चिकित्सास्थान 1/4
7. सुश्रुत मतानुसार परिस्त्रावी भगन्दर में
चिकित्सार्थ किस प्रकार का छेदन निर्दिष्ट
नही है?
Answer - गोतीर्थक
Reference - सुश्रुत चिकित्सास्थान 8/10, 27
8. सुश्रुत मतानुसार कनीनक को भेद माना गया
है?
Answer - नेत्रसन्धि का
Reference - सुश्रुत उत्तर 1/16
9. सुश्रुत मतानुसार रक्त की विकृति से होने
वाले नेत्ररोगों की संख्या है?
Answer - 16
Reference - सुश्रुत उत्तर 1/36
10. सुश्रुत मतानुसार प्रथम प्रच्छान के पष्चात्
अवलेखन कर्म निम्न रोग में करना चाहिए?
Answer - पोथकी
Reference - सुश्रुत उत्तर 13/14
11. सुश्रुत मतानुसार रात्रि में अन्न का सेवन
निषिद्ध तथा घृतपान पष्चात् मन्दोष्ण दुग्ध
पिलाना किस रोग में बताया है?
Answer - कर्णरोग
Reference - सुश्रुत उत्तर 21/12
12. सुश्रुत मतानुसार बिल्वादि तैल से कर्णपूरण
इंगित है?
Answer - बाधिर्य
Reference - सुश्रुत उत्तर 21/35
13. सुश्रुत मतानुसार अर्जुन नामक नेत्ररोग, नेत्र के
किस भाग से सम्बन्धित है?
Answer - शुक्लगत
Reference - सुश्रुत उत्तर 4/7
14. सुश्रुत मतानुसार किस रोग में उदान संज्ञक
वायु कफ से आवृत होकर विगुण हो जाती है एवं
नासामार्ग अवरूद्ध हो जाता है?
Answer - नासाप्रतिनाह
Reference - सुश्रुत उत्तर 22/15
15. ‘‘शूनाक्षिकूटं वदनं च यस्य
शिरोऽभितापः‘‘ किस रोग का लक्षण है?
Answer - कफज शिरोरोग
Reference - सुश्रुत उत्तर 24/7
16. ‘‘अच्छं च पाययेत्सर्पिः स्वेदयेच्चाप्यभ
ीक्ष्षः‘‘ किस सन्दर्भ में वर्णित है?
Answer - कफज शिरोरोग
Reference - सुश्रुत उत्तर 26/19
17. सुश्रुत मतानुसार आकाश में ताराओं को
हीन, अधिक या विकृत रूप में देखना लक्षण है?
Answer - सन्निपातज तिमिर व्त छवदम
Reference - सुश्रुत उत्तर 7/24
18. सुश्रुत मतानुसार विष के चतुर्थ वेग की
चिकित्सा बतायी गयी है?
Answer - स्नेहयुक्त अगदपान
Reference - सुश्रुत कल्प 2/42
19. आचार्य चरक ने विष का रस माना है?
Answer - अनिर्देष्य रस
Reference - चरक चिकित्सा 23/24
20. अष्टांगहृदय के अनुसार किस विष के सेवन से
मनुष्य की स्थिति कटे हुए पक्षी की भांति हो
जाती है?
Answer - दूषीविष
Reference - सुश्रुत कल्प 2/28
21. आचार्य वाग्भट्ट ने विष चिकित्सा का
उल्लेख किस स्थान में किया है?
Answer - उत्तर स्थान
Reference - अष्टांग हृदय उत्तर 35 से 38
22. सुश्रुत मतानुसार वृष्चिक के कितने भेद है?
Answer - 30
Reference - सुश्रुत कल्प 8/58
23. सौभाग्यशुण्ठी का रोगाधिकार है?
Answer - सूतिकारोग
24. सुश्रुत मतानुसार शुद्ध स्तन्य का लक्षण नही
है?
Answer - तन्तुमत्
Reference - सुश्रुत निदान 10/26, सुश्रुत शारीर
10/35
25. किस आचार्य ने अत्यानन्दा योनिव्यापद्
का उल्लेख किया है?
Answer - सुश्रुत
Reference - सुश्रुत उत्तर 38/15
26. शार्गंधर मतानुसार स्त्रियो में पुरूषों की
तुलना में कितनी पेशी अधिक होती है?
Answer - 20
Reference - शार्गंधर पूर्व. 5/4
27. चरक मतानुसार प्रसवोत्तर कालिक आहार
विहार में सर्वप्रथम क्या प्रयुक्त करते है?
Answer - पंचकोल
Reference - चरक शारीर 8/48
28. ग्रन्थिभूत आर्तव की चिकित्सा है
Answer - पाठा त्र्यूषण वृक्षक क्वाथ
Reference - सुश्रुत शारीर 2/16
29. ‘‘कटिपृष्ठं प्रतिसमन्ताद वेदना‘‘ लक्षण है?
Answer - आसन्न प्रसूति
Reference - सुश्रुत शारीर 10/9
30. प्रसूता व दुष्प्रजाता के योनिभ्रश होने पर
अमृत तुल्य योग है?
Answer - मद्यपान
Reference - काश्यप
31. चरक मतानुसार प्रसवकाल के उपस्थित न होने
पर भी प्रवाहण करने पर योनिव्यापद् रोग हो
जाता है?
Answer - कर्णिनी
Reference - चरक शारीर 8/27
32. स्तनरोग में दूष्य होते है?
Answer - मांस रक्त
Reference - सुश्रुत निदान 10/27
33. सुश्रुत मतानुसार ‘‘नित्यवेदना‘‘ विशेष लक्षण
होता है?
Answer - विप्लुता
Reference - सुश्रुत उत्तर 38/10
34. सुश्रुत मतानुसार स्त्रियों में आशयों की कुल
संख्या बताई गयी है?
Answer - 8
Reference - सुश्रुत शारीर 5/8
35. सुश्रुत मतानुसार अपत्यपथ में कुल पेशियों की
संख्या है?
Answer - 4
Reference - सुश्रुत शारीर 5/51
36. ‘‘अनात्र्तवस्तना......खरस्पर्षा च मैथुने‘‘
किसका लक्षण है?
Answer - षण्डी
Reference - सुश्रुत उत्तर 38/18
37. Transeverse presentation की तुलना किससे
की जाती है?
Answer - परिघ
Reference - सुश्रुत निदान 8/5
38. बालकों में औषध का प्रयोग एकान्त
(निरन्तर) रूप में कब तक निषिद्ध है?
Answer - 12 बर्ष से कम
Reference - काश्यप
39. बालशोष रोग का सर्वप्रथम उल्लेख किया
है?
Answer - वाग्भट्ट ने
Reference - अष्टांग हृदय उत्तर 2/44
40. सुवर्णप्राशन का 6 माह तक प्रयोग करने पर
बालक क्या हो जाता है?
Answer - श्रुतधर
Reference - काश्यप
41. मीजल्स का टीका कब लगाया जाता है?
Answer - 9 - 12 माह
42. किस आयु में बालक अपना नाम व लिगं जानने
लग जाता है?
Answer - 3 बर्ष
43. त्रिपाद चक्र रथ प्रयोग करते है?
Answer - फक्क रोग में
Reference - काश्यप
44. किस ग्रहबाधा से आक्रान्त बालक में
ऊध्र्वदृष्टि, मुखवक्रता, शरीर में रक्त की गन्ध
आना आदि लक्षण मिलते है?
Answer - स्कन्दग्रह
Reference - सुश्रुत उत्तर 27/8 विमर्ष
45. हाथों से सेक (हस्त स्वेदन) का विधान कब तक
होता है?
Answer - 4 माह
Reference - काश्यप
46. बालचातुर्भद्र के घटक द्रव्य है?
Answer - नागरमोथा, पिप्पली, अतीस,
काकडासींगी
47. बालक का अन्नप्राशन संस्कार आचार्य
काश्यप ने कब करना बताया है?
Answer - 10 माह
Reference - काश्यप
48. दांतों को दृढ करने के लिए उपयुक्त होता है?
Answer - स्नेह गण्डूष
Reference - अष्टांग हृदय उत्तर 22/14
49. आचार्य चरक ने बर्षा ऋतु में आहार सेवन
किसके साथ बताया है?
Answer - मधु
Reference - चरक सूत्र 6/36
50. ‘‘श्रीमत्परिषदं शस्तं‘‘ लक्षण है?
Answer - स्वच्छ वस्त्र धारण
Reference - चरक सूत्र 5/95
51. हनु, मन्या, सिर तथा कान की वेदना होने
पर लाभदायक होता है?
Answer - कर्णपूरण
Reference - सुश्रुत चिकित्सा 24/29
52. सुश्रुत ने दिनचर्या का वर्णन चिकित्सा
स्थान के किस अध्याय में किया है?
Answer - अनागतबाध प्रतिषेध अध्याय
Reference - सुश्रुत चिकित्सा 24
53. वह्निमित्रा पर्याय है?
Answer - मूषा
54. मित्रपंचक का घटक नही है?
Answer - गुग्गुलु/गुड
55. रससिन्दूर में गन्धक तथा पारद का अनुपात
होता है?
Answer - 1:1
56. स्वर्ण मारण हेतु कौन सा पुट दिया जाता
है?
Answer - कुक्कुट
57. ताम्र का गलनांक है?
Answer - 1084 Ċ
58. सुश्रुत मतानुसार सन्धियों की कुल संख्या है?
Answer - 210
Reference - सुश्रुत शारीर 5/27
59. स्थपनी किस प्रकार का मर्म है?
Answer - विशल्यघ्न
Reference - सुश्रुत शारीर 6/11
60. भग में किस प्रकार की सन्धि मिलती है?
Answer - सामुद्ग
Reference - सुश्रुत शारीर 5/32
61. दृष्टि की उत्पत्ति के लिए आवश्यक महाभूत
है?
Answer - तेज
Reference - चरक सूत्र 5/16
62. धमनी शैथिल्य लक्षण मिलता है?
Answer - मांसक्षय
Reference - सुश्रुत सूत्र 15/13
63. वृक्कों की उत्पत्ति किससे होती है?
Answer - रक्तमेद प्रसादांश
Reference - सुश्रुत शारीर 4/30
64. दिवास्वप्न किस अवस्था में इंगित है
Answer - उपरोक्त सभी
Reference - सुश्रुत शारीर 4/37
65. ‘‘शंखनाभ्याकृति‘‘ किस अंग को उपमा दी
गयी है?
Answer - योनि को
Reference - सुश्रुत शारीर 5/55
66. चरक मतानुसार ‘‘क्षेत्रज्ञ‘‘ किसका पर्याय
है?
Answer - आत्मा का
Reference - चरक शारीर 1/5
67. चरक मतानुसार शरीरवृद्धिकर भाव है?
Answer - उपरोक्त सभी
Reference - चरक शारीर 6/12
68. सुश्रुत मतानुसार ग्रन्थि भेद नही है?
Answer - मांसग्रन्थि
Reference - सुश्रुत निदान 11/4 - 9
69. चरक मतानुसार रक्तपित्त का निम्न उपद्रव
नही है?
Answer - हिक्का
Reference - चरक निदान 2/7
70. गरविष तथा दूषीविष का सेवन करना किस
उदर रोग का लक्षण है?
Answer - सन्निपातोदर
Reference - सुश्रुत निदान 7/13
71. भिलावे की गुठली के समान अश्मरी होती
है?
Answer - पैत्तिक
Reference - सुश्रुत निदान 3/9
72. भोजन के समय थकावट होना.....पूर्वरूप है?
Answer - राजयक्ष्मा
Reference - चरक निदान 6/13
73. कण्टकपंचमूल में कौन सा द्रव्य सम्मिलित है?
Answer - शतावरी
74. औषध प्रयोग हेतु त्वक् (छाल) को किस ऋतु में
ग्रहण करना चाहिए?
Answer - शरद
Reference - चरक कल्प 1/10
75. ‘‘सर्वरसप्रत्यनीक‘‘ किस रस को कहा गया
है?
Answer - लवण
Reference - चरक सूत्र 26/43 सुश्रुत सूत्र 42/14
76. रूक्ष गुण का भौतिक संगठन है?
Answer - पृथ्वी अग्नि वायु
77. मधुर त्रिफला के घटक है?
Answer - गम्भारी, खर्जूर, द्राक्षा
78. पक्व या अपक्व मल को बाहर निकालने वाले
कर्म को क्या कहते है?
Answer - रेचन
79. गुर्वादि (शारीर) गुण कितने है?
Answer - 20
80. पिप्पली, पिप्पलीमूल, चव्य, नागर तथा
चित्रक को सम्मिलित रूप से क्या कहते है?
Answer - पंचकोल
81. अतिविषा का रस क्या है?
Answer - तिक्त एवं कटु
82. अर्क किस कुल से सम्बिन्धित है?
Answer - Asclepiadaceae
83. इन्द्रवृक्ष किसका पर्याय है?
Answer - कुटज
84. Barberin alkaloid किससे प्राप्त होता है?
Answer - दारूहरिद्रा
85. हरीतकी का सेवन सोंठ के साथ किस ऋतु में
किया जाता है?
Answer - हेमन्त
86. पंचवल्कल में निम्न द्रव्य नही है?
Answer - वृहती
87. tecomella undulata क्या है?
Answer - रोहितक
88. चरक मतानुसार वातप्रधान कुष्ठ रोगों में
सर्वप्रथम किसका प्रयोग करना चाहिए?
Answer - घृतपान
Reference - चरक चिकित्सा 7/39
89. चरक मतानुसार वातरक्त में किस उपद्रव के
प्रधान रूप से होने पर यह असाध्य हो जाता है?
Answer - मोह
Reference - चरक चिकित्सा 29/33
90. चरक मतानुसार जिस अतिसार रोगी की
अग्नि प्रदीप्त हो चुकी हो, उसे निरन्तर प्रयोग
करना चाहिए?
Answer - अजादुग्ध
Reference - चरक चिकित्सा 19/57
91. चरक मतानुसार ‘‘कृशत्वं नातिगात्राणां
प्रततं कण्ठकूजनम्‘‘ लक्षण है?
Answer - सन्निपातज ज्वर
Reference - चरक चिकित्सा 3/107
92. चरक मतानुसार ‘‘प्राग्रूपं मुखशोषः,
स्वलक्षणं सर्वदाअम्बुकामित्वम्‘‘ लक्षण है?
Answer - तृष्णा
Reference - चरक चिकित्सा 22/8
93. ‘‘वातश्लेष्महरैर्युक्तं...... तु विरेचनम्‘‘ किसके
सन्दर्भ में वर्णित है?
Answer - तमकश्वास
Reference - चरक चिकित्सा 17/121
94. चरक मतानुसार परमोजस्कर है?
Answer - ऐन्द्र रसायन
Reference - चरक चिकित्सा 1-3/28
95. सर्वोत्तम वाजीकरण है?
Answer - स्त्री
Reference - चरक चिकित्सा 2-1/7
96. चरक मतानुसार ‘‘भेकवर्णोहतेन्द्रियः‘ किस
व्याधि का लक्षण है?
Answer - कामला
Reference - चरक चिकित्सा 16/35
97. सुश्रुत मतानुसार प्रतिमर्श नस्य का विधान
कितनी बार बताया गया है?
Answer - 14
Reference - सुश्रुत चिकित्सा 40/52
98. ‘‘शोषेण सानुबन्धं वा तस्य संशमनी क्रिया‘‘
किसके सन्दर्भ में वर्णित है?
Answer - रक्तपित्त
Reference - चरक चिकित्सा 4/64
99. चरक के अनुसार पित्तज प्रमेंह के प्रकार है?
Answer - 6
Reference - चरक चिकित्सा 6/10
100. शार्गंधर के अनुसार ‘‘च तज्ज्ञेयं
यज्जराव्याधिनाशनम्‘‘ किससे सम्बन्धित है?
Answer - रसायनम्
Reference - शार्गंधर पूर्व. 4/14
101. ‘‘आपादतलमूर्धस्थान् दोशान् पक्वाशये
स्थितः‘‘ किसके सन्दर्भ में कहा गया है?
Answer - वस्ति
Reference - चरक कल्प 7/64
102. वाजीकरणघृत का प्रयोग चरक ने कब वर्णित
किया है?
Answer - भोजन से पूर्व
Reference - चरक चिकित्सा 2-1/37
103. कुटीप्रवेशविधिपूर्वक किसका प्रयोग वृद्ध
पुरूष को भी युवा बना देता है?
Answer - च्यवनप्राश
Reference - चरक चिकित्सा 1-1/74
104. चरक मतानुसार शरीर में स्फोट, कोठ,
खुजली होना तथा हृदय व स्त्रोतों में भारीपन
लक्षण है?
Answer - वमन हीनयोग का
Reference - चरक सिद्धि 1/17
105. चरक मतानुसार बुद्धि का निवासस्थान है?
Answer - हृदय
Reference - चरक चिकित्सा 24/35
106. चरक मतानुसार ‘‘कंसहरीतकी‘‘ का मुख्य
रोगाधिकार है?
Answer - शोथ
Reference - चरक चिकित्सा 12/50
107. चरक मतानुसार ‘‘अन्न का सम्यक् पाचन न
होने से अम्लता को प्राप्त कर विष के समान
हानि करने वाला होना‘‘ किसके सन्दर्भ में
उल्लेख मिलता है?
Answer - ग्रहणी
Reference - चरक चिकित्सा 15/44
108. विश्व मधुमेह दिवस कब मनाया जाता है?
Answer - 14 नवम्बर
109. केन्द्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद् का
मुख्यालय कहां पर स्थित है?
Answer - दिल्ली
110. ASHA है?
Answer – Accredited social health activist
111. National mid day meal कार्यक्रम की शुरूआत
कब हुई थी?
Answer - 1995
112. NRHM किस सन् में प्रारम्भ हुआ?
Answer - 2005
113. अग्नि से जल जाने पर सर्वप्रथम क्या उपाय
करना चाहिए?
Answer - शीतल जल से धोना चाहिए
114. किस रोग के होने पर मुख खोलने में कठिनाई
होती है?
Answer - टिटेनस
115. मस्तिष्क की गतिविधियां किसके
माध्यम से पढी जाती है?
Answer - ई.ई.जी.
116. विटामिन सी की कमी से होने वाला
रोग है?
Answer - स्कर्वी
117. गलसुआ किसके कारण होता है?
Answer - विषाणु
118. सुश्रुत मतानुसार अल्प वेदना वाली अधिक
कण्डूयुक्त, पाषाण के समान कडी तथा देर से बढने
वाली ग्रन्थि होती है?
Answer - कफज ग्रन्थि
Reference - सुश्रुत निदान 11/6
119. मूत्रजन्य व आन्त्रजन्य वृद्धि में दोष प्रवृद्ध
होता है?
Answer - वात
Reference - सुश्रुत निदान 12/9
120. सुश्रुत मतानुसार श्लीपद रोग में कौन सा
कर्म कराना चाहिए?
Answer - विस्त्रावण
Reference - सुश्रुत सूत्र 25/13
Share:

Saturday, June 20, 2020

Surya Namaskar सूर्य नमस्कार

               Surya Namaskara


 Suryanamaskar is one of the best yogic exercises, as it alone
gives us the benefits of different asanas and the pranayamas.

  • It is more beneficial when it is practised at sun rise and sun set,facing the sun with minimum clothes. 
  •  It is like warm up of yoga.
  •  It is recommended to be performed on an empty stomach.
  • Suryanamaskar (Sun salutation ) is combination of few asanas. 
  • Its roots can be found in yoga philosophy of vedic traditions. 
  • It is practiced in more than 40 different types all over India. There are set of well balanced movements that will stretch all the muscles in the body. Thus keeping the body and mind healthy.

                                13 Mantras

  1. Om Mitraya Namah- The Friend of All
  2. Om Ravaye Namah - The Shining One
  3. Om Suryaya Namah - The One who induces Activity
  4. Om Bhanave Namah - The One who Illuminates
  5. Om Khagaya Namah - The One who moves quickly in the Sky
  6. Om Pushne Namah - The Giver of Strength
  7. Om Hiranyagarbhaya Namah - The bright Centre of All Energy
  8. Om Marichaye Namah - The Lord of Dawn
  9. Om Adityaya Namah - The Son of Aditi
  10. Om Savitre Namah - The Benevolent Mother
  11. Om Arkaya Namah - The One who is fit to be Praised
  12. Om Bhaskaraya Namah - The One who leads to Enlightenment
  13. Om Srisavitrusuryanarayanaya Namah The Surya (Sun)
                                   Steps











Benefits


 1. Strengthens the entire digestive system (including stomach, pancreas, intestines, 
liver, etc.) and cures, and prevents constipation.
2. Enhances the nervous system (including the brain, spinal cord, worries and other 
forms of mental problems.
3. Prevent blood pressure.
4. Develops the lungs, gives you wind and prevents tuberculosis.
5. Improves the quality and circulation of the blood. Active circulation of the blood is 
the first law of health.
6. Stimulates glandular activity; gives a new vivacity to the glands. Owing to the stretching and compressing movements of the throat and neck the thyroid gland is 
stimulated and any tendency to goiter is obviated. Correct glandular functioning 
governs health and attractiveness.
7. Strengthens the neck, shoulders, arms, wrists, fingers, back, stomach, waist, 
abdomen, intestines, thighs, knees, calves and ankles. Strengthening the back is known to be a simple but efficient remedy for kidney troubles.
8. Improves and develops the chest, i. e. keeps it hard, firm and elastic; restores it to 
normal loveliness.
9. Improves the uterus (womb) and ovaries removes menstrual disorders such all 
dysmenorrhea and consequent pain and misery.
10. Child-bearing is less painful and more easy. All discomforts from menopause vanish.
11. Increase the quantity and improves the quality or milk in nursing mothers.
12. Proven to halt falling hair, and its tendency to grayness and prevents baldness by increasing nutrition to the hair and scalp, and the bonding of the neck backward and forward, insures good circulation to the bead.
13. Reduces redundant fat, especially the fat about the abdomen, hips, thighs, neck and 
chin.
14. Will remove kidney troubles. Strengthens the stomach, neck, back, and chest by the mere rolling of the stomach towards the spine, as in some of the positions of Surya Namaskar. 
15. Reduces the abnormal prominence of the the Adam’s apple by the forward and 
backward bending of the nook.
16. Improves knock-knees in walking.
17. Will increase the height of the body if the positions are correctly performed.
18. Will prevent and cure constipation.
19. Not merely gives you external form, shapeliness and muscle of the body, but 
improves and normalizes the function of most of the vital internal organs.
20. Makes you immune from disease by tremendously increasing your disease-resisting power. The practical test of health is that one should never have even ordinary cold or cough, which is regarded even by some medical men as inevitable or as a matter of course. A healthy person never feels that he has any organ or limb.
Share:

Friday, June 19, 2020

Vitamins : sources and deficiency diseases

Vitamin Deficiency Diseases 

1. Vitamin A--------- Night blindness
2. Vitamin B1---------Beriberi
3. Vitamin B2-------- Ariboflavinosis
4. Vitamin B3 --------Pellagra
5. Vitamin B5 --------Paresthesia
6. Vitamin B6 --------Anemia
7. Vitamin B7 ------ Dermatitis, enteritis
8. Vitamin B9 & Vitamin B12 ----Megaloblastic anemia
9. Vitamin C ------ Scurvy, Swelling of Gums
10. Vitamin D ------ Rickets & Osteomalacia
11. Vitamin E ------ Less Fertility
12. Vitamin K ------ Non-Clotting of Blood

Sources of vitamins 


Share:

Tuesday, June 16, 2020

Overview of Ayurveda

                   Introduction To Ayurveda

The word Ayurveda derived from AYU and VEDA.
AYU means life VEDA means science or knowledge. Ayurveda means the science of life.
Acharya Charaka defines "That science is designated as Ayurveda which deals with advantage and disadvantage as well as happy and unhappy states of life along with what is good and bad for life, its measurement and the life itself (Charaka Sutra 1 -4)" Ayurveda embraces all living things, animate and inanimate. It is divided into three main branches viz., Nara Ayurveda dealing with human life, Satva Ayurveda the science dealing with animal life and its diseases, Vriksha Ayurveda the science dealing with plant life, its growth and diseases. It is amply clear that Ayurveda is not only a system of medicine but also a way of life for complete positive health and spiritual attainments.
Ayurveda believes that positive health is the basis for attaining four cherished goals
of life (chaturvidh purushartha) viz., Dharma, Artha,Kama, Moksha. All these four goals cannot be achieved without sound positive health.
Positive health is defined as
(a) Dosha Dhatu samya (well balanced metabolism)
(b) Prasanna Atma, Indriya, Manah (happy state of the soul, senses and the mind). Senses here mean the five organs of perception Gyanendriya viz., smell, taste, sight, touch, and hearing coupled with the organs of action Karmendriya viz., mouth,
hands, foot and organs of excretion and
reproduction.

                 Origin Of Ayurveda

The origin of Ayurveda dates back to the Vedic era. Most material relating to the health and diseases are available in Atharva veda.
Historians claim that Ayurveda is a part of Atharva Veda. However RigVeda which is the earliest Veda also
mentions about diseases and medicinal plants. In Athrava veda there are hyms which mention about
medicines like Accorus calamus and Phylanthus Embelia. The systematized form of Ayurveda dates back to the prehistoric period of Rishi Conference
which was held in the foot hills of Mount Himalaya.
The earliest codified document on Ayurveda is Charaka Samhita. Sushruta samhita is another codified document. Sushruta tradition was
said to be descended and propagated by God Dhanvantari whereas Charaka tradition was descended through acharya Atreya. 
Sushruta School is dominated by surgical procedures and techniques while Charaka Samhita deals with internal medicine.
Charaka Samhita also mentions the names of the earliest disciples of Atreya as Agnivesh, Bhela,
Jatukarna, Parashar, Harita and Ksharpani and they separately created their own treaties in the field of
internal medicine. Out of these six, Charaka Samhita and Bhela Samhita are available in authentic form today, however, Harita Samhita which is also available, but its authenticity is questionable. Many of the manuscripts were lost due to foreign invasions which resulted in big

setback to this ancient knowledge of life.

Share:

Medical abbreviation

Medical abbreviation

AF :   :     atrial fibrillation
AIDS :     acquired immunodeficiency syndrome.
AKA :     alcoholic ketoacidosis
ALL :      acute lymphoblastic leukaemia
AMI :      acute myocardial infarction
ARF :      acute renal failure
BP:         blood pressure
CABG:    coronary artery bypass graft
CAH:      congenital adrenal hyperplasia
CCF:      congestive cardiac failure
CF:         cystic fibrosis
CHD:     coronary heart disease
CNS:      central nervous system
COPD:    chronic obstructive pulmonary disease
CPAP:    continuous positive airways pressure
CRF:       chronic renal failure
CSF:       cerebrospinal fluid
CT:        computer mography
CVA:     cerebrovascular accident (stroke)
CVD:     cardiovascular disease
DKA:    diabetic ketoacidosis
DU:       duodenal ulcer
DVT:    deep vein thrombosis
ECG:    electrocardiograph
EEG:    electroencephalogram
ESR:    erythrocyte sedimentation rate
ESRD:  end-stage renal disease
FPG:     fasting plasma glucose
GIT:     gastrointestinal tract
GU:      gastric ulcer
GvHD:  graft versus host disease
HAV:    hepatitis A virus
HBV:    hepatitis B virus
Hcg:      human chorionic gonadotrophin
HCV hepatitis:    C virus
HIV:     human immunodeficiency virus
HNA:    heparin neutralising activity
ICH:      intracranial haemorrhage
IDA:      iron deficiency anaemia
IDDM:   insulin dependent (type 1) diabetes mellitus
IFG:       impaired fasting glucose
IGT :      impaired glucose tolerance
IHD:      ischaemic heart disease
Ig:          immunoglobulin
IM:        intramuscular
INR:      international normalized ratio
ITU:      intensive therapy unit
IV:     intravenous
IVU:  intravenous urogram
K+:    potassium
kg:     kilogram
KUB:    kidney, ureter, bladder (x-ray)
LBBB:   left bundle branch block
LCM:     left costal margin
LFTs:     liver function tests
LIF:       left iliac fossa
LUQ:     left upper quadrant
LVF:     left ventricular failure
LVH:     left ventricular hypertrophy
MC&S:  microscopy, culture & sensitivity
MCH:    mean cell haemoglobin
MI:        myocardial infarction
Min:       minutes
MPD:     myeloproliferative disease
MRI :     magnetic resonance imaging
MS :       multiple sclerosis or mass spectroscopy
Na+:       sodium
NaCl:     sodium chloride
OA :      osteoarthritis
OCP:    oral contraceptive pill
PACWP; pulmonary artery capillary wedge pressure
PAD:      peripheral arterial disease
PaO2:     partial pressure of O2 in arterial blood
PB:         peripheral blood
PBC :     primary biliary cirrhosis
PCI:       percutaneous coronary intervention
PCL:      plasma cell leukaemia
PE:        pulmonary embolism
PR:        per rectum
PT:        prothrombin time
PV:        plasma volume
RAS:     renal angiotensin system or renal artery stenosis
RBBB:   right bundle branch block
RBCs:   red blood cells
RCC:     red blood cell count
Rh:       Rhesus
RIF:      right iliac fossa
RUQ:    right upper quadrant
SC:        subcutaneous
SDH:     subdural haemorrhage
SOB:     short of breath
SM:       smooth muscle
SVC :    superior vena cava
SVCO:    superior vena caval obstruction
SXR:     skull x-ray
T°:         temperature
t1/2:       half-life
T4:        thyroxine
TA:        temporal arteritis
TB:       tuberculosis
TFT:     thyroid function test
TIAs:    transient ischaemic attacks
TPO:    thyroid peroxidase
TRAB:     thyrotropin receptor antibodies
TSH :    thyroid-stimulating hormone
TT:       thrombin time
u/U:     units
UC:      ulcerative colitis
U&E:    urea and electrolytes
UKPDS:    United Kingdom Prospective Diabetes Study
URTI:   upper respiratory tract infection
UTI:     urinary tract infection
USS:  ultrasound scan
VIII:  C factor VIII clotting activity
VIP:  vasoactive intestinal peptide
Vit K:  vitamin K
VSD: ventricular septal defect
WBC:  white blood count or white blood cell
Share:

Thursday, June 4, 2020

Ayulearn study app (updated)

Hii! We the team of Ayulearn updated our android mobile study app download it from below link
Ayulearn

http://www.appcreator24.com/app1138957
Click here to download ayulearn study app
It contains notes, textbooks, question papers and other required study material for BAMS ug studies and pg entrance test.
Screenshots
 

Procedure to download any pdf from app


Share:

Search This Blog

Ayulearn

Ayulearn collects all the resources and help students meticulously sort out the topics based on CCIM for Ayurvedic curriculum.Ayulearn is not just for college students , but we also help high school students decide their most suitable stream.Ayulearn provides you all the videos and related documents to easy learning .The data has been collected categorically to help students to reach out to the required resources whenever needed.

Contributors

Download Ayulearn study app

Putting Children First. Preparing Children For Success In Life

Download Ayulearn study app

Popular Posts