A Knowledge buddy for Ayurveda Study.

Sometimes you need advice, Ask a teacher to solve your problems.

Sometimes you need advice, Ask a teacher to solve your problems.

Saturday, July 11, 2020

आहार

आहार निरुक्ति :


आहिनयते अन्ननलिक्या यत्तदाहार:

च. सू. ४- ५४ पर चक्रपाणि.

आहारयते प्राणीवृध्यते आहार: ।

आहिनयते शरीरधातवाः अनेन इत्याहारः।


# जिसे अन्न नलिका द्वारा ग्रहण किया जाता है।

# जिससे शरीर का या प्राणी का वर्धन होता है।

# जिससे शरीर धातुओं का पोषण होता है।


आहार परिणामकर भाव :


उष्माः  वायुः क्लेदः स्नेहः कालः समयोगश्र्चेतिः।

च.शा. ६ - १४.

तत् स्वभावादुदकं क्लेदयति

च. सू. २७ - ४.

आहार परिणाम कर भाव में अप ( जल ) का महत्व स्पष्टता से वर्णित है. क्लेदन यह  क्रिया अवस्थापाक और विपाक दोनों में एक अविभाज्य अंग है।


आहार पाचन प्रक्रिया :


विविधमशितं पीतं लीठं खादितं ....यथा स्वेनोष्मण सम्यग्विपच्यमानं....।

धातवो हि धात्वाहाराः प्रकृतिमन्नुवर्तन्ते।।

च. सू. २८ - ०३.

तत्र पाञ्चभौतिकस्य चतुर्विधस्य षड्ररसस्य...गुणस्योपयुक्ताहारस्य सम्यक परिणतस्य यस्तेजोभूतः सारः परमसुक्ष्मःस रस इत्युच्यते।।

सु. सू. १४ - २.


जठाराग्नि पाक के अंतर्भूत, पंचमहाभुतात्मक आहार का सम्यक पाचन होने के पश्चात आहार द्रव्यों का विभाजन यह अवस्थापाक के अन्त मे सार और किट्ट स्वरुप को प्राप्त करता है.

सो, जल या अप महाभुत का भी अवस्थापाक होता है।


अवस्थापाक :


मधुरावस्थापाक :

अन्नस्य भुक्तमात्रस्य षड्ररसस्य प्रपाकतः।

मधुराद्यात् कफो भावात् फेनभूत उदीर्यते।।

च.चि १५ - ९.

यस्त्वामाशय संस्थितः । क्लेदकः सोङन्नसङ्घातक्लेदनात.....।

आ.हृ. सू. १२- १६,१७.

मधुर अवस्थापाक में आहार को संपूर्णता मधुर भाव प्राप्त होता है और कफ दोष का पोषण होता है.

यहां पर आप महाभूत के अंशों व्दारा आहार का संघात भेद और क्लेदन होता है.

अम्लावस्थापाक :

परं तु पच्यामानस्य विदग्धस्याम्ल भावतः।

आशयाच्च्यवमानस्य पित्तमच्छमछदीर्यते।।

च. चि.अ. १५ - १०.

अच्छमिति अधनम्।

च. चि. अ. १५ - १० पर चक्रपाणि.

स्वेददोषाम्बुवाहिनि स्त्रोतांसि समाधिष्ठतः।

अन्तरग्नेश्च पार्श्वस्थः समानोङग्निबलप्रदः।।

च. चि. २८ -८.

समानोङग्नि समीपस्थः कोष्ठे चरति सर्वतः।

अन्न गुह्णाति पचति विवेचयति मुञ्चति।।

आ.हृ. सू. १२ - ८.

अम्लस्थापाक यह, जठाराग्नि पाक प्रक्रिया की दूसरी अवस्था है।

यह अवस्थापाक अधो आमाशय मतलब आमाशय और पक्वाशय के मध्य स्थित अवयव "ग्रहणी" जिसे पच्यमानाशय कहते हैं, यही पर मुख्यतः होता है ।

ग्रहणी यह पित्तधरा कला का स्थान है।

इस अवस्थापाक में आहार पक्व और अपक्व अवस्था को प्राप्त करता है। इस  विदग्धावस्था के कारण संपूर्ण आहार को अम्ल भाव प्राप्त होता है. इस अम्ल रस की उत्पत्ति से पित्त का वर्धन होकर शरीरस्थ पित्त का पोषण होता है।

इस अवस्था में ग्रहणी, यकृत एवं पित्ताशय में स्थित पाचक पित्त के द्रवांश का वर्धन होता है, इसको अच्छ पित्त की उत्पत्ति कहते हैं. यहां पर आचार्य चक्रपाणि ने अच्छ मतलब "अघनम्" कहा है

इसी अवस्थापाक के अंत में आहार के बहुतांश का पचन होकर सार और किट्ट मे विभेद होता हैंं।

सो, जल महाभूत का पाचन यहां पर हो चुका होता हैंं। इसी स्थान पर स्वेद और अम्बुवह स्त्रोतसो का स्थान कहा गया है।


कटु अवस्थापाक :

पक्वाशयं तु प्राप्तस्य शोष्यमाणस्य वह्निना ।

परिपिण्डित पक्वस्य वायुः स्यात्कटु भावतः।।

च. चि. अ. १५ - ११.

शोष्यमानस्य वह्निन नेति यद्याप्युर्ध्वदाह क्षमोः वह्निनः।

च. चि. १५ - ११ पर चक्रपाणि.

पच्यमानस्य इति पदं परित्यज्यं शोष्यमाणस्य इति कृतम्।

च. चि. १५ - ११ पर चक्रपाणि.

कटु अवस्थापाक यह जठराग्नि पाक प्रक्रिया की तृतीय अवस्था है। यह पक्वाशय में संपन्न होती है।यहां पर अग्नि का बल यह अल्प होता है। इसी स्थान पर पूर्णतः सार् किट्ट विभजन हो,उनका आचुषण होकर अपने-अपने स्त्रोतस द्वारा यथा स्थान पर भेजे जाते है। पक्व  आहार में स्थित जलीय अंश का शोषण होने से किट स्वरूप स्थुल आहार द्रव्यों को पिंड स्वरूप प्राप्त होता है। यह कार्य मुख्यतः मलधरा कला द्वारा होता है। शेष स्थूल आहार कटु भाव को प्राप्त करता है और इस कटु रस की उत्पत्ति से वात दोष का पोषण होता है।
Share:

2 comments:

  1. Very nice article with lots of information. Thanks for sharing this one with us.
    international import export data

    ReplyDelete
  2. Thank you for the information, Your information is very helpful for us
    Future Choice Club Linktree

    ReplyDelete

Any queries or doubts let us know

Search This Blog

Ayulearn

Ayulearn collects all the resources and help students meticulously sort out the topics based on CCIM for Ayurvedic curriculum.Ayulearn is not just for college students , but we also help high school students decide their most suitable stream.Ayulearn provides you all the videos and related documents to easy learning .The data has been collected categorically to help students to reach out to the required resources whenever needed.

Contributors

Download Ayulearn study app

Putting Children First. Preparing Children For Success In Life

Download Ayulearn study app

Popular Posts

Blog Archive